जैसा की आप सभी जानते ही है बढ़ते प्रदुषण के कारण जाने कितनी ही बीमारियां धुल एवं कण में बह कर हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही है।  उनमें से एक बीमारी है जो अस्थमा के नाम से विख्यात है।  आज के समय में अस्थमा का घरेलु  इलाज बहुत ही सरल है। 

आज पूरा विश्व इस अस्थमा के रोग के बढ़ते पैमाने से अत्यंत दुखी है। लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि आज के समय में अस्थमा का घरेलु  इलाज बहुत ही सरल है जिसको अमल में लाकर आप इस बीमारी से सदैव के लिए छुटकारा पा सकते है अस्थमा का घरेलु इलाज आज हर देश में हर शहर में आसानी से मौजूद है

देश-विदेश में छोटे-छोटे बच्चे नौ जवान एवं बुजुर्ग भी इस बीमारी से अछूते नहीं रहे हैं  लेकिन इन कई सालों में इसके रोकथाम के लिए अनेक चिकित्सा पद्धतियाँ सामने रही है  इसमें जरुरत है  तो सिर्फ नियमित दिनचर्या एवं उपचार की।  क्यूंकि यह रोग केवल साधारण रोग नहीं हैंबल्कि जीवन में एक रोग बन जाता है।  

अतः इसे नियंत्रण में रखना अति आवश्यक होता है। आज में आपको इस ब्लॉग में इस अस्थमा का घरेलु इलाज एवं उसके कारण की जानकरी दूंगी जो आपके लिए एक ज्ञान का और उपचार का माध्यम बनेगी तो चलिए जानते है कि अस्थमा क्या है?

अस्थमा (दमाक्या है?

कुछ भी जानने से पहले आप उस बीमारी के बारे में जानिए की आखिर अस्थमा होता क्या है? यह श्वसन क्रिया के द्वारा शरीर में हवा जाने के रस्ते में आने वाली बाधा का एक रोग है अस्थमा के रोगी को सामान्य तौर पर साँस लेने में कठिनाई महसूस होती  है। 

जैसे श्वास नली का संकरा हो जानासूजन अथवा दीवारों की पेशियों का सख्त होना स्वास नलिका में बलगम जमा हो जाना इन कारणो से फेफड़ों तक हवा पहुंचने में बाधा उपस्थित हो जाती है  

श्वास रोगी एक तरह से बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगता है आज के समय में अस्थमा का घरेलू इलाज बहुत ही आसान है इसको जानने के बाद आप सोच रहे होंगे की अस्थमा का घरेलु इलाज असल में है क्या तो आइये जानते है


अस्थमा के भिन्न-भिन्न रूप

अस्थमा का घरेलु इलाज जानने से पहले इसके रूपों को जानना अतिआवशयक है अस्थमा (दमा) दो प्रकार का होता हैकार्डियक अस्थमा और साधारण अस्थमा कार्डियक अस्थमा के रोगी का हार्ट् एंलार्ज हो जाता है और साधारण अस्थमा को ब्राकांतिस अस्थमा 

अस्थमा(दमा) दो प्रकार का होता हैकार्डियक अस्थमा और साधारण अस्थमा कार्डियक अस्थमा के रोगी का हार्ट् एंलार्ज हो जाता हैं और साधारण अस्थमा को ब्राकांतिस कहते हैं

अस्थमा (दमा) के फैलने के मुख्य कारण

आपने जाना कि अस्थमा के दो मुख्य रूप है तो अब जानते है इनके कुछ मुख्य कारण जिनकी वजह से ये फैलता है 

वायु में प्रदुषणधुआंवायरसधूल-मिटटीफूलों का परागधूम्रपानमौसम में बदलावजानवरों के फररंग-रोगनअतअनेक सुगन्धित तत्व जैसे धूप -अगरबत्तीसेंट कीटनाशक दवाइयां आदि 

इसके कारण भी अलग-अलग व्यक्तियों में भिन्न-भिन्न होता है तो इसलिए ऐसी चीज़ों से जितना हो सके उतना बचने का प्रयत्न करें वैसे मुख्यतः दो कारण माने जाते हैं आनुवांशिक एवं एलर्जिक  

पहला है, आनुवंशिक अस्थमा (दमा) पीढ़ी दर पीढ़ी जीन्स के द्वारा स्थानान्तरित होने वाली प्रक्रिया का नाम है। हालाँकि यह जरुरी नहीं कि हर व्यक्ति इससे प्रभावित हो लेकिन इसकी संभावनाएं रहती ही है।

दूसरा कारण, एलर्जिक अस्थमा है ऐसे पदार्थ जो व्यक्ति के शरीर के अनुकूल हो और उनकी किसी किसी तरह समस्या का पैदा होना होता है।  

जब एलर्जी कारक तत्व शरीर में श्वास नली द्वारा अंदर जाते हैं, तो शारीरिक क्रिया फेफड़ों की सुरक्षा के लिए उसके रास्ते में बाधा उत्पन्न नहीं करते इस कारण साँस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। 

आम भाषा में इसको अस्थमा(दमा) ट्रिगर्स भी कहा जाता है।आज के वक्त में इस के बढने के कई कारण है लेकिन अस्थमा का घरेलु इलाज भी अब मुमकिन है।

अस्थमा के लक्षण

जैसा की आपने ऊपर कई कारणों को जाना जिनसे अस्थमा(दमा) का रोग होता है तो अब इनके कुछ जाने माने लक्षण है तो चलिए वो भी जान लेते है। अस्थमा के लक्षणों में मुख्य लक्षण कुछ इस तरह है :-
  • सांस लेने और छोड़ने में रूकावट 
  • साँस लेत समय सीटी जैसी आवाज आना 
  • बार-बार सूखी या बलगम वाली खांसी का आना 
  • घबराहट होना 
  • कफ की अधिकता 
  • रात्रि में नींद का आना 
  • खांसी से सीने में जकड़न होना 
  • दम घुटने की स्थिति पैदा होने 
  • बार बार खांसी का आना इत्यादि ये सारे लक्षण अलग-अलग व्यक्ति में अलग-अलग समय में होते रहते हैं। जैसे ही आपको इनके लक्षणों का पता लगे आप  अस्थमा का घरेलु इलाज या जैसे भी आपको ठीक लगे वैसे करवा ले नहीं तो यह एक भयंकर बीमारी का रूप  ले लेगा


अस्थमा से बचाव के उपचार

लक्षणों को जान कर आपको हैरानी होगी की ये तो मामूली से थे जिन  पर हमने कभी ध्यान ही नहीं दिया अब अस्थमा का घरेलु इलाज एवं एलोपैथी इलाज हर देश में संभव हो गया है तो चलिए अब जानते है अस्थमा रोग के उपचार के बारे में 

मुख्य रूप से एलोपेथीएक्युपंकरएक्यूप्रेशरआयर्वेदिकहोम्योपैथीसुजोकयोग आदि कुछ ऐसी विधियां हैं जो रोग मुक्त या कुछ समय के लिय लाभ प्रदान करने में सक्षम है।

एलोपैथी:  उपचार में मुख्यतः दवाई का प्रयोग कई प्रकार के माध्यम से किया जाता है जैसे गोली या कैप्सूल द्वारा, इन्हेलर के द्वार और इंजेक्शन का सीधा खुन की नाडी में प्रवेष के द्वारा। एलोपेथी उपचार के अंतर्गत ही कई प्रकार की दवाइयों का उपयोग किया जाता है

अस्थमा के ज्यादा तेज अटैक आने पर एस्टीरॉइड दवाई का भी प्रयोग करने की सलाह कई बार दी जाती है। इनमे से रिलिवेर्स जो की तुरंत लाभ पहुचने वाली दवाई है कुछ प्रिवेंटर्स दवाये जो तुरन्त तो रहत दे देती है खाने पर और इनका यदि कोई नियमित सेवन करे तो ये अस्थमा (दमा) को लंबे वक्त तक काबू में रखती है।

परन्तु जड़ से ख़त्म नहीं करती डॉक्टर्स इन दोनों ही प्रकार की दवाईयों को देकर रोगी को तुरंत लम्बे समय तक के लिए लाभ पहुंचाने का प्रयत्न करते हैं। 

एलोपैथी की दवाइयों के साथ साथ इसके कई नकारात्मक असर की सम्भावना भी बनी रहती है।अस्थमा का घरेलु इलाज बहुत ही सरल है यदि आप कही और जाकर ऐसे करवाना नहीं चाहते तो आप घर पर ही इसको कुछ उपचारों से ठीक  कर सकते है 

अतः इन्हेलर का उपयोग अधिक सुरक्षित माना जाता है क्यूंकि इन्हेलर के द्वारा दवाई सीधे फेफड़ों  में पहुँचती है। इससे दो लाभ होते है एक तो तुरंत राहत मिलती है तो दूसरा, शरीर के अन्य भागों में जाने के खतरे एवं नकारात्मक असर से बचाव होता है।

योगिक क्रियाएँ

अस्थमा का घरेलु इलाज योग में  बहुत ही सरल है तो आप इसको भी नियमित करे ताकि यह आपको जल्दी ठीक कर सके योग एक तरह की ऐसी औषधि मानी जाती है जिसमे हर गंभीर से गंभीर बीमारी का इलाज संभव है। 

हमारी योग पद्धति इस रोग को जड़ से मिटा देती है। इस विधि के द्वारा औषधियों के रूप में और्वेदिक दवाइयों का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। कुछ आसान ऐसे है जिनसे अस्थमा के रोग में जल्द राहत मिलती है और यह बीमारी को जड़ से भी ख़त्म कर देता है 

दवा की अपेक्षा योगिक क्रियाएँ आसान और सूत्रनेती प्राणायाम पर विशेष ध्यान दिया गया है। आसनो में भुजंगासनमत्स्यासनअर्द्धचक्रासन आदि आते हैं तथा प्राणायाम में अनुलोम विलोमकपल भाति आदि का उपयोग कराया जाता है।

एक्यूपंचरएक्यूप्रेसर सुजोक चिकित्सा पद्धति

अस्थमा का  घरेलु इलाज इस विधि के द्वाया बड़ी ही सहज तथा सरलता से किया जाता है। ये तीनो पद्धतियां ऐसी है जो बिना दवाई के प्रत्येक रोगो का उपचार करती हैं। वैसे तीनो का सिद्धांत भी एक ही है  अंतर केवल इतना ही है कि एक्यूपंचर में सुइयों द्वारा इलाज किया जाता है।  

जबकि एक्यूप्रेशर विधि में हाथों के अंगूठे और काठ से निर्मित उपकरण से दवाब दे कर रोग प्रतिबिम्ब केंद्र को उत्तेजित  करने की प्रक्रिया होती हैइससे हमारे शारीर परहाथों की हथेलियों और पैरों के तलवे पर शरीर के अवयव से सम्बंधित बिन्दुओं को खोजा जाता है। जिनके दबाने से अनेक रोगों से शरीर को मुक्ति मिलती है। 


निष्कर्ष

आज मैंने इस नए पोस्ट में अस्थमा का  घरेलु इलाज और निवारण के बारे में बताया है।  यह एक ऐसी ऐसी बीमारी है जिससे हर देश में कई लोग पीड़ित है।  लेकिन इस पोस्ट को पढ़ने के बाद जो व्यक्ति इस अस्थमा के रोग से पीड़ित है उनके लिए बहुत ही अचूक उपाय के साथ इसे जड़ से ख़त्म करने का प्रयास किया है


आशा करती हूँ की अब आप सब इसको जानकार चिंता मुक्त हो गये होंगे। आप पहले इसके इस्तेमाल करे फिर अपने दोस्तों को भी इसके उपयोग की सलाह दे ताकि वे भी इस रोग से हमेशा के लिए मुक्त हो जाये। स्वस्थ रहिये एवं अपने परिवार को भी स्वस्थ रखिये।